परिचय
हर साल D.El.Ed (BSTC/JBT) कोर्स के लिए हजारों स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं। हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में एडमिशन मेरिट (कट-ऑफ) के आधार पर होता है, जो हर वर्ग (कैटेगरी) के लिए अलग हो सकता है। इस ब्लॉग में हम बताएंगे कि SC, ST, OBC और जनरल के लिए आमतौर पर कट-ऑफ क्या रहती है और मेरिट कैसे निकलती है।
कट-ऑफ क्या होती है?
कट-ऑफ यानी वह न्यूनतम प्रतिशत या अंक, जिसके ऊपर वाले ही स्टूडेंट्स को D.El.Ed/BSTC में सीट मिलती है। हर साल कट-ऑफ बदल सकती है और यह सीटों की संख्या, आवेदन करने वालों की संख्या, और रिजर्वेशन पॉलिसी पर निर्भर करती है।
पिछले सालों की संभावित D.El.Ed/BSTC कट-ऑफ (अनुमानित रेंज)
| कैटेगरी |
कट-ऑफ % (रेंज) |
| जनरल (UR) |
65% – 80% |
| OBC/BC |
60% – 75% |
| SC |
55% – 70% |
| ST |
50% – 68% |
| EWS |
60% – 75% |
| PWD/Divyang |
45% – 55% (राज्य अनुसार) |
नोट: यह केवल एक अनुमानित रेंज है। असली कट-ऑफ हर साल मेरिट लिस्ट आने के बाद ही कन्फर्म होती है। सरकारी कॉलेजों की कट-ऑफ प्राइवेट कॉलेज से आमतौर पर ज्यादा होती है।
कट-ऑफ कैसे तय होती है?
- 12वीं के टोटल मार्क्स (Best of 5 या सभी सब्जेक्ट्स मिलाकर)
- कैटेगरी (SC/ST/OBC/जनरल)
- राज्य के अनुसार आरक्षण पॉलिसी
- सीट्स की उपलब्धता और आवेदन संख्या
- कई बार लड़कियों के लिए अलग कट-ऑफ या महिला आरक्षण भी लागू होता है
क्या करें अगर कट-ऑफ से कम मार्क्स हैं?
- घबराएं नहीं! प्राइवेट कॉलेज में सीट मिलने की संभावना ज्यादा रहती है।
- कभी-कभी 2nd या 3rd काउंसलिंग में कट-ऑफ नीचे आ सकती है।
- सही गाइडेंस और कॉलेज सिलेक्शन से भी सीट मिल सकती है।
कट-ऑफ से जुड़ी जरूरी सलाह
- मेरिट लिस्ट और कट-ऑफ की अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट जरूर चेक करते रहें।
- फॉर्म भरते वक्त सही कैटेगरी सिलेक्ट करें।
- अगर रिजर्वेशन सर्टिफिकेट में गड़बड़ी हो तो तुरंत सही करवाएं।
- Aadesh Education की मदद लें—काउंसलिंग और कॉलेज सिलेक्शन में।